Saturday, February 1, 2020

Gujarat Travel Blog

                                                                                                        हमर गुजरात यात्रा


जीवनमे एकेटा स'ख पालने छी।यात्रा करब,घुमब ।से कोनो दूरे दराज नहि अपन ल'गपासमे सेहो बहुत रास चीज एहन रहैत अछि जे हम नहि देखि पबैत छी।हमरा नगर सँ बेसी गामक यात्रा पसिन अछि। बर्ख २०२० ई.क आरंभे हमर यात्रा सँ भेल। बड़दिन सँ गुजरात घुमबाक इच्छा रहय से  एहिबेर पहिल जनवरी क' विदाह भ' गेलहुँ गुजरात यात्रापर संगमे छलीह पत्नी श्रीमती पुष्पा।पटना जंक्सन सँ अजीमाबाद एक्सप्रेस रेलगाड़ी सँ  एक जनवरी क' मध्यरात्रिमे  पटना सँ अहमदाबाद क लेल प्रस्थान कयलहुँ। तीन जनवरी क' अहल भोरे पाँच बजे अहमदाबाद टीशन पहुँचा देलक रेलगाड़ी। हँ,एकटा बात अहमदाबाद रेलवे स्टेशन के ओतुका स्थानीय लोक कालूपुर स्टेशन कहैत छैक जखन कि कालूपुर नाम टीशनपर कतहुँ लिखल नहि देखलियैक।अहमदाबादमे हमर सासुर पक्षक बहुत लोक छथि।ताहि हिसाबे अहमदाबादमे स्टेशने सँ आगत - स्वागत होब',  लागल रहय मुदा हम त' अनौपचारिक छी से ओतहु ओएह रहलौं।
अहमदाबाद साफ - सुथरा शहर अछि।नीक लागल। प्रात:काल जेबाक रहय गाँधीनगर ।ओतय हमर पुत्री मैत्रेयी के आइ आइ टी जम्मू सँ एक सेमेस्टर पढबाक लेल अम्बानीक इंस्टीट्यूट मे आयल छथि।  भोरे हम सभ गाँधीनगर विदाह भेलौं। गाँधीनगर एकदम सुन्दर शहर।चौड़गर सड़क,साफ सुथरा।सजल धजल दिल्ली सँ कतेको मामिलामे  नीक।दिल्ली सँ प्रदुषण बहुत कम।गाँधीनगरक अक्षरधाम मंदिर बहुत प्रशस्त छैक। सभगोटा अक्षरधामक यात्रा केलहुँ।भव्य रमणीय परिसर। स्वामी नारायण स्मप्रदायक ई मंदिर।एकर स्थापत्यकला आ वास्तुकला सुन्दर छैक।अइल फइल आ सुन्दर बाग -बगीचा।संगमे पुत्री मैत्रेयी,पत्नी पुष्पा हमर जेठ सरहोजि श्रीमती वन्दना मिश्र, हुनक पुत्र कुणाल आ आयुष। सभके ई जगह पसिन पड़लनि।ओतुका कैफटेरियाक खिच्चरि हमरा सभके नीक लागल मुदा मैत्रेयी के गुजराती भोजन ओतेक पसिन नै छनि कारण गुजराती प्राय: भोजनमे गुड़क प्रयोग करैत छथि।

                                                        साबरमती आश्रमक भ्रमण आओर गाँधीदर्शनक अवलोकन

 साबरमती नदीक रम्य तटपर अवस्थित अछि साबरमती आश्रम ।ई ओएह जगह अछि जतय महात्मा गाँधी  कुटि बनाकय निवास करैत छलाह।गाँधीक कृत्य  शनै: शनै: एकटा विचार बनि गेल जकरा आब  दुनियाँक राजनीतिशास्त्री गाँधीवादक संज्ञा सँ अभिहित करैत छथि।पहिने गप करैत छी साबरमती आश्रमक रखरखाव पर ,सुन्दर ढंगसँ सहेजि क'  राखल गेल अछि गाँधीक स्मृतिआओर हुनक आश्रमक सभ वस्तुकेँ।गाँधीजीक द्वारा चल़ाओल गेल भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलनक चेन्हासी होअए वा गाँधीक चर्खा- दर्शन सभटा अनामति अछि।असहयोग आन्दोलनक स्मृति होअए वा नमक सत्याग्रहकक चित्र।सविनय अवज्ञा आन्दोलनक क्रममे गाँधीजीक द्वारा आयोजित एतिहासिक दण्डी मार्चक चित्र अत्यन्त जीवन्त आओर आकर्षक अछि।गाँधीजी आओर हुनक संगीसभ जे आश्रमक कोठरीमे रहैत छलाह तकरा अनामति सुरक्षित राखल गेल अछि।बा केर कोठरी।बिनोवा भावेक कोठरी।जमनालाल बजाजक कोठरी आदि।रंगबिरंगक चरखा सेहो सुरक्षित अछि जेना अमर चरखा,राजस्थान चरखा,बिहार चरखा आदि ।  अनचोके एकटा घटना भ' गेल से जीवनभरि मोन राखयबला ।साबरमती आश्रममे टहलैतकाल भेटला किछु अमेरिकी पर्यटक जे अमेरिकाक न्यूयार्क राज्य सँ आयल छलाह एहिमे सँ एकटा पर्यटक माइकेल जेम्स जे पछिला चालिस बर्ख सँ नेपालमे रहि रहल छथि पुछि देलनि अहाँ कतय सँ छी? हम  अंग्रेजीमे कहलियैन मिथिला सँ ओ ठमहि मैथिलीमे पुछि देलनि मिथिलामे कतय सँ यौ!हम कहलियैन मधुबनी सँ।हुनका  एतेक सुन्दर मैथिली बजैत देखि हमरा आश्चर्यक ठेकान नहि रहल!  ओ कहलनि सम्प्रति हम उत्तर मिथिला अर्थात नेपालमे  रहैत छी।हमर पुत्री मैत्रेयी हुनका पुछि देलखिन कतेक दिन सँ अहाँ नेपालमे रहैत छी? ओ विक्रम संवतमे जबाव देलखिन ।मैत्रेयी गुम्म ।भारतीय होइतो हुनका विक्रम संवतक अखियास त' रहनि नहि।खैर हुनका सँ आगाँ आर किछु गपसप भेल जाहिमे हम हुनका सँ एकटा प्रश्न केलियैन मैथिली भाषा केहेन लागल अपनेकेँ? ओ बेहिचक कहलनि," चिन्नियो सँ बेशी मिठ भाषा छैक मैथिली"। एहि संवादक विडियो सोशल मिडियापर बेश लोकप्रिय भेल।
साबरमती नदीक कछेर केँ गुजरात सरकार एकदम स्वच्छ आ पक्कीकरण क' देलक अछि से एकदम रमणीय लगैत अछि।एकरा ओतय रिवरफ्रन्ट कहल जाइत छैक।स्थानीय आ बाहरी पर्यटक सभक आकर्षक ई केन्द्र बनि गेल अछि।नदीक जल सेहो एकदम निर्मल अछि। अहमदाबाद शहरक कचरा आब साबरमतीमे नहि बहाओल जाइछ। साबरमती नदीक स्वच्छता हमरा बड़ आकर्षित कयलक।
साबरमती आश्रमक निर्माण गाँधी जी कयलनि १९१७ ई.  गाँधीजीक जे मौलिक विचार आ लेखन भेल अछि तकर बहुतरास घटनाक साक्षी रहल अछि ई परिसर।गाँधीजीकेँ अपन मातृभाषा गुजराती सँ अगाध प्रेम छलनि।ओ अपन अनेक महत्वपूर्ण ग्रन्थक  रचना गुजरातीमे कयलनि। गाँधी अपन दर्शनक दुनू महत्वपूर्ण अस्त्र सत्य आओर अहिंसापर अन्त धरि टिकल रहलाह इएह गाँधीजीकेँ महान बनबैत छनि। गाँधीजीक अनेको बात सँ लोक केँ सहमति - असहमति भ' सकैत अछि विशेष क' राजनीतिक प्रश्नपर। गाँधीजी पक्का राथनीतिक व्यक्ति छलाह ताहिमे हमरा कोनो शंका नहि अछि आओर नहि ककरो हेबाक चाही।जहिया त्रिपुरी काँग्रेसमे सुषाष बाबू कांग्रेस पार्टीक अध्यक्ष निर्वाचित भेलाह तहिया  जे गाँधीजी बयान देलनि," जे पट्टाभि: सीतारमैयाक हारि हमर हारि थिक।" तहिये बुझा गेल रहय राजनीतिक मुद्दापर गाँधीजीक अपन सोच छनि आओर ओहिपर  चलय चाहैत छथि।खैर जे से । मुदा गाँधीजी द्वीराष्ट् सिद्धान्त सँ अन्तत: समझौता करय पड़लनि सेहो सत्य छैक संगहि ईहो सत्य छैक  जे साम्प्रदायिक सद्भावनाक लेल अपन सिद्धान्तपर अटल रहलाह। गाँधीजी पक्का सनातनी होइतो दुनियाँक सभ धर्मक लेल समानभाव रखनिहार एकटा राजनीतिक संत छलाह।संभवत: दुनियाँमे ओ असकरे  एहन छथि तेँ गाँधी महान छथि। हुनक एकहेक गतिविधि  वास्तविक धर्मनिरपेक्ष रहलनि मुदा हुनक आजुक अनुयायी  जे हुनक फोटोक नामपर राजनीति क' रहलाह अछि एकोरती गाँधीकेँ पढ़ितथि।कनियों गाँधी के बुझितथि त' देशक स्थिति एहन नहि रहैत  कारण आइ देश धार्मिक मामिलामे बहुत संकटपूर्ण स्थिति सँ गुजरि रहल अछि।जातीय कुंठा चरमपर अछि।एहना समयमे हमरा समक्ष फेर क़ोनो गाँधीयेक अपेक्षा अछि। आइ कियो राम राम कहि देत ओ साम्प्रदायिक घोषित क' देल जाइत अछि।
या त' मंचपर चढ़ि क' गरजि क' जय श्रीरामक नारा लगाउ तखने जियब अन्यथा रामक विरोधमे, सनातन धर्मक विरोधमे नारा लगाउ तखने जिय देत।जँ कियो सहजता सँ गाँधी जी जकाँ रघुपति राघव राजाराम करय चाहय त' ओकरा लेल सम्प्रति एहि देशमे दिना दृष्टि रहब मोसकिल छैक।एहन स्थिति एकदिन मे नहि भेलैया।ई परिस्थिति सत्तरि साल सँ निर्मित कयल गेलैये सिर्फ आ सिर्फ सत्ताक खातिर।
हम कने भावुक भ' गेलहुँ।देशक स्थितिए तेहनसन बनि गेल अछि की करबैक?।
गाँधीक गपकेँ स्वतंत्र भारतक सत्ता आरंभे सँ बौक बना देलक तकर भयावह परिणाम सभ आब सोझाँ आबि रहल अछि।कतय अछि गाँधीक ग्राम स्वराज? ग्राम स्वराजक बात छोड़ू आब त' भारतक गामे नहि बाँचत।फेर भारत कतय देखब?भारतक आत्मा गाममे बसैत छैक।जँ गाम नहि त' भारतक कोन अस्तित्व।अमेरिका आ भारतमे की मौलिक फर्क! गाँधीक दर्शन भारतक शासन किछुओ नहि मानलक तकर कचोट सदति बनले रहत।

                                                                              सौराष्ट्र यात्रा

सौराष्ट्र गुजरात राज्यक  महत्वपूर्ण क्षेत्र अछि।सौराष्ट्र क्षेत्र कृषिक दृष्टिकोणसँ अत्यन्त उपजाउ आ उन्नत क्षेत्र  बुझायल। सोमनाथ यात्राक क्रममे राजकोट,भावनगर,जामनगर जूनागढ़, आदि जगह होइत  हम पहुंचलहुं  सोमनाथ।ऐतिहासिक सोमनाथ मंदिर जे भारतबर्षमे  अवस्थित शिवक द्वादश ज्योति्र्लिंगमे सँ एक छथि। वर्तमान जे मंदिर अछि ओकर निर्माण भारतक पहिल गृहमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेलक प्रेरणा सँ १९५१ई. भेल।चालुक्य शैलीमे निर्मित ई मंदिर बहुत भव्य अछि। भारतक पच्छिमी सीमापर अवस्थित  मंदिरक पक्खा सँ टकराइत अरबसागरसँ उठैत- खसैत समुद्री तरंग बहुत किछु कहैत अछि। ऐतिहासिक शिवमंदिर सनातन संस्कृतिक जीवित स्तम्भ अछि जे कतबो कियो प्रयास क' लिअ सनातन धर्म आ संस्कृति केँ नहि मेटाओल जा सकैछ।कुछ  तो बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी!एहि मंदिरकेँ सत्रह बेर महमुद गजनबी लुटलक आ तोड़लक।तथापि कोनो ने कोनो रुपमे  एतय सभदिन शिव अराधना होइते रहल।पुराणक अनुसार एहि मंदिरक स्थापना सोम कयने रहथि। कतेको मुस्लिम अक्रान्ता एहि मंदिरके तबाह केलक ।अंतिमबेर मुगल शासक औरंगजेब सेहो एहि मंदिरकेँ नष्ट करबाक प्रयास केलक। वर्तमान मंदिरक स्थापत्य आ भव्यता अद्वितीय अछि।समुद्रक लहरि सँ टकराइत भारतक ई मंदिर दुनियाँ के बहुत किछु संदेश दैत अछि।एहि मंदिरक भव्य गोपुरक, नर्तकी शाला,गर्भगृह आओर भव्य आँगन मनमोहक अछि।मंदिरक दक्षिण कोनमे एकटा प्राचीन स्तम्भ अछि जाहिपर  संस्कृतमे एकटा श्लोक उत्कीर्ण छैक जकर अर्थ छैक एहि मंदिर आ दक्षिण ध्रुवक बीच कोनो स्थल खंड नहि अछि।एहि दिशासूचक स्तम्भमे त्रीशूल सँ दिशा इँगित कयल गेल अछि। मंदिरक रखरखाब सोमनाथ ट्रस्ट करैत अछि। साँझूपहर लेजर प्रकाशमे सोमनाथ मंदिरक प्राचीनता आओर एतिहासिकताक कथा बताओल जाइछ।मंदिरमे कोनो प्रकारक इलेकट्रौनिक यंत्र ल' जेबाक मनाही छैक।चारुकात परबाक हेंज सभ देखाइत रहैत छैक। पंडा पुजारीक द्वारा कतहु कोनो प्रकारक दान - दक्षिणाक लेल तंग नहि कयल जाइत छैक।मंदिर सँ सटले  बाहर एकटा आर सोमनाथ महादेवक मंदिर छैक जे होल्कर महारानी अहिल्याबाई बनबौने छथि ओ लोकक लेल हरदम फुजल रहैत छैक गर्भगृह तक आमलोकक प्रवेश छैक। सोमनाथक पुरान नाम प्रभाष पाटन छैक।एखनो सोमनाथ बजारक नाम प्रभास पाटन  कहल जाइत छैक। प्रभाषपाटन जैन लोकनिक सेहो तीर्थस्थल आछि। सोमनाथ गिर सोमनाथ जिलामे अवस्थित अछि।छोटसन एहि नगरक आबादी डेढ़ लाखक आसपास होयत। हिन्दू सँ बेसी मुस्लीम आबादी अछि मुदा सम्प्रति धार्मिक रुपसँ दूनू समुदायमे मेल मिलाप अछि।सोमनाथ आ प्रभास क्षेत्रमे अधिकांश टैक्सी आ आटोक चालक मुसलमाने सभ छथि। जाहि टैक्सी ड्राइवर संग हम सोमनाथक  चारुकात दर्शनीय जगह सभ घुमलहुँ ओकर चालक मो. इदरीश हमरा बेकछा- बेकछा क' वेरावल आ सोमनाथक सभ जगहक इतिहास आ महात्म्य कहैत गेलाह।  

प्रभाष तीर्थ

कपिला,हिरण्या आ सरस्वतीक संगमपर अवस्थित एहि तीर्थ केँ पुराणमे प्रभाष क्षेत्र कहल गेलैक अछि। पितर मोक्षक लेल गया जकाँ एकरो महत्व छैक।कृष्ण एतहि यादव लोकनिक पिण्डदान कयने रहथि। कृष्ण आओर बलराम सेहो एतहि अपन देह त्याग कयलनि। महाभारत के शल्य पर्वमे कहल गेल अछि,"  सरस्वती पूर्वाभिमुखो भुत्वा प्रभासतीर्थोमुखी भवेत।" एहि प्रभाष संगमक पवित्र  जल आ ओहिपर जलपाखीक विहार अद्भुत आ मनोरम देखबामे लगैत छैक। 
सोमनाथ सँ सटले वेरावल नगरमे माछक समृद्ध उद्योग अछि।एतय हजारक संख्यामे नाव सँ माछ मारि क' अनैत मलाह सभकेँ देखलौं।  कतेक काठक नाव बनैत सेहो देखलौं। एतहि भगवान कृष्ण पिपरक गाछतर समाधिस्थ रहथि तखने   व्याधा तीर सँ हुनक  प्राण ल' लेलकनि सेहो स्थल अछि। जकरा 'भालका तीर्थ' कहल जाइत छैक। वेरावलमे एकटा प्राचीन सूर्यमंदिर आओर हिंगलाज माताक गुफा मंदिर सेहो अति प्राचीन अछि। आओर अनेक मंदिर आ मठ अछि।कैकठाम तीर्थयात्री लोकनि केँ नि:शुल्क  भोजनक व्यवस्था सेहो छैक।यात्री लोकनिक ठहरबाक लेल पर्याप्त धर्मशाला आ होटल अछि। भोजनक नामपर मात्र गुजराती। भाषा गुजराती आओर हिन्दी।
 एहि भव्य आ ऐतिहासिक जगहक यात्रा हमरा सभकेँ एकबेर  अवश्य करबाक चाही।

कच्छ  यात्रा

 हमरा कच्छ देखबाक सेहन्ता बहुत दिन सँ छल।तकर कैकटा कारण छैक।मिथिले जकाँ प्राचीनकाल सँ भारतक एकटा समृद्ध सांस्कृतिक क्षेत्र रहल अछि कच्छ। सम्प्रति जे कच्छ क्षेत्र  अछि ओ  गुजरात राज्यमे अवस्थित अछि। कच्छ अपन फराक सांस्कृतिक  भिवभूमि केँ सहेजने अछि।ओना जँ देखबै त' कच्छ क्षेत्रक दू तेहाइ भागमे खाली मरुस्थल छैक।दूर - दूर धरि हरियरीक दर्श नहि ।कतहुँ -कतहुँ बबुरक झार- झंखार टा देखाइत अछि मुदा गुजरातक लोक एहु मरुस्थल के उत्सव स्थलमे परिणत क' देलक अछि।कच्छक उजरा नोन( WHITE RUNN )सँ अच्छादित क्षेत्रमे रण उत्सवक आयोजन करैत अछि जकरा देखबाक लेल देश - विदेशक लाखक लाख पर्यटक आबि रहलाह अछि।  कच्छ एकटा भौगोलिक क्षेत्र अछि जकर मुख्यालय भुज अछि।  कच्छ क्षेत्रफलमे भारतक सभसँ पैघ जिला अछि।
 पत्नी श्रीमती पुष्पाक संग राजकोट,गाँधीधाम होइत पहुँचलहुँ  भुज।हमरा सभसँ बेसी  उत्सुकता छल कच्छ के रण देखबाक से हम सोझे विदाह भ' गेलहुँ ओतय ।श्वेत रण जतय सम्प्रति अढ़ाइ मासक रणोत्सव चलि रहल अछि।भुज सँ पचासी किलोमीटर दूर पहुँचै छी घोड़डो गाम।ओतहि आयोजित अछि रणोत्सव।ओ सभटा क्षेत्र बी.एस.एफ के नियंत्रणमे छैक।पाकिस्तानक सीमा ओतय सँ निकट छैक तेँ घोड़डो सँ रणमे जेबाक लेल  ओतय तैनात सीमा सुरक्षाबल   केँ अपन प्रवेश पत्र देखबय पड़ैत छैक। प्रवेश पत्र ओतय गुजरात पर्यटनक कार्यालय  एकसय टाका  देलाक पछाति निर्गत करैत छैक। घोड़डो गाममे गुजरात सरकारक पर्यटन विभाग दिससँ टेन्ट सीटी बनाओल गेल छैक संगहि किछु नीजी लोक सभ सेहो टेन्टक रिसोर्ट बनौने छथि।किछु फुसक बनल रिसोर्ट सभ सेहो छैक।अपन सुविधा आ जेबीक अनुसार मनमाफिक बेवस्था मे रहि सकैत छी ।हम नीजी टेन्ट ह्वाइट रण रिसोर्ट मे ठहरल रही।टेन्ट सभमे शौचालय,गरम पानि , ठंढा पानि।स्नानादि आ भोजन, जलखैक समुचित इन्तजाम छलैक। टेन्टमे ताला नहि लगाओल जाइछ।सुरक्षा आ चोरिक कोनो चिंता  नहि।
ऐघोड़डो सँ  दस किलोमीटर पहिनहि सँ गाम सभमे सेहो पर्यटक सभकेँ ठहरबाक पर्याप्त बेवस्था  छैक।गामक लोकसभ एहि रोजगारमे विभिन्न प्रकार सँ जुड़ल छथि।
ह्वाइट रण मे जेबाक लेल उंट,घोड़ा आदिक सेहो इन्जजाम छैक।पैदल सेहो जा सकैत छी।वाहन ल' जेबाक  मनाही छैक।ओतय लोकक मनोरंजनक ल़ेल गुजराती नृत्य,संगीत चलि रहल छल।कलाकार सभ गरबा गाबि रहल छल।  हिन्दी, पंजाबी गीतक एकोटा आखर  कतहुँ नहि सुनलहुँ।लोकसभ पूरा आनंदमग्न।रणमे चाह, काफी पानि आदिक सेहो बेवस्था छलैक।सूर्यास्त आ सूर्योदकक दृश्य देखबा लेल विशेष क' पर्यटक अवश्य अबैत छथि रणमे ओहि समय बेशी भीड़-भार।नोनक एहि रेगिस्तानमे उत्सव बरसि रहल छल।साँझ होइते शीतल हलफी चलय लागल  लागल  जे हाड़ गला देत।एकटा ऊँटगाड़ी पर बैसि गाम दिश पड़ेलहुँ।ऊँटबला कच्छी लोगगीत टेरने ओकर पत्नी  संग दैत आओर हम दुनू प्राणी ओकर आनंद लैत चलल जा रहल छलहुँ।अद्भुत क्षण छल ओ।हमरा लेल अविस्मरणीय।
हँ, कच्छ क्षेत्र मे गुजराती भाषा नहि छैक कच्छक भाषा कच्छी छैक।जे गुजराती सँ मिलैत छैक।कच्छमे दुनियाँक प्राचीन नगर सभ्यता हड़प्पा कालीन शहर धौलावीराकअवशेष सहो एतहि अछि।
कच्छ रणोत्सवमे मे कच्छी हस्तकला ,शिल्पकला आदिक सेहो  खूब नीक प्रदर्शन कयल गेल छलैक।कच्छी बान्धनी शिल्पक साड़ी।कच्छी बुनकर सभक बुनल शाल आदि बिकाइत छल।एतुका तामक सरौता आओर औजार सभ प्रसिद्ध अछि।
रण के भ्रमणक पश्चात हमसभ गेलहुँ भुज।भुज जे  गुजरातक एकटा महत्वपूर्ण नगर अछि ओतुका ऐतिहासिक आएना महल,पराग महल देखलहुँ।जे बहुत विशाल आ स्थापत्यक दृष्टिकोण सँ बहुत महत्वपूर्ण अछि।ओतुका आमीरसर एकटा बहुत पैघ तलाव अछि जे नगरक मुख्य आकर्षण  केन्द्रअछि। एतुका स्वामी नारायणक विशाल आओर सुन्दर ,स्वच्छ मंदिर एहि नगरक निधि अछि।भुज नगरक स्वच्छता देखि हम चकित भ',  गेलहुँ।पूरा शहरमे  कुड़ा कचरा पसरल  कतहु नहि देखायल।
कच्छ क्षेत्रमे आर बहुत किछु छैक देखयबला जे नहि देखि सकलहुँ।अरब सागर सँ बेढ़ल एहि क्षेत्रमे कैकटा बन्दगाह आओर  चारिटा हवाइ अड्डा अछि।रेल ,बसक समुचित साधन अछि।बड़ नीक लागल कच्छ।जिनगी जान बाँचल त' फेर एकबेर।

द्वारका

मैथिलीमे हमरा लोकनि एहि जगह कें द्वारिका सेहो कहैत छियैक। द्वापर युगक अंतिम अवशेष।द्वारिका दूटा अछि एकटा द्वारकापूरी जतय द्वारिकधीशक मंदिर अछि।दोसर बेट द्वारिका ।बेट गुजराती भाषाक शब्द थिक  जकर अर्थ द्वीप होइछ।  द्वारिकामे गोमती नदी बहैत छैक जाहिमे स्नान केलाक बाद तीर्थयात्री सभ द्वारिकाधीशक दर्शन करैत छथि।एहि गोमती नदीपर एकटा झुलैत सेतु छैक। जकर नाम सुदामा सेतु छैक।ई पर्यटक लोकनिक लेल आकर्षणक केन्द्र अछि।द्वारिकामे नगर निगम द्वारा द्वारिकाक दर्शनीय स्थल बस द्वारा भ्रमणक बेवस्था छैक।मात्र एक सय टाका ल'क'  लगपास पर्यटन स्थलसभ घुमेबाक बेवस्था छैक।बस  सँ विदाह भेलौं सभसँ पहिने रुक्मिणि मंदिर ।रुक्मिणि जे कृष्णक मुख्य पटरानी छलखिन हुनक भव्य मंदिर द्वारिकाक बाहरी इलाकामे बनाओल गेल छैक। रुक्मिणी जिनक विवाह  शिशुपाल सँ जबरदस्ती केरेबाक योजना छलैक।कृष्णक परम भक्त रुक्मिणी कें कृष्ण हरण क' अनलनि आओर हुनका संग विवाह केलनि। आगां नागेश्रर महादेव मंदिर अछि।ई द्वादश ज्योतिर्लिंग मे सं एक छथि ओना एहिपर सभ लोक एकमत नहि  छथि।कर्नाटकमे दारुका वनमे सेहो नागेश्वरक मंदिर अछि।जे से। मंदिर एकदम निर्जन स्थानमे बहुत भव्य अछि।
एकर बाद हमसभ पहुंचलौं गोपीतलाव ।गोपीग्राममे अवस्थित गोपी तलाव ओएह जगह अछि जतय कृष्ण अर्जुन केँ शक्तिक अहंकार तोड़ि देलखिन।द्वापरक अंतिम चरणमे जखन कृष्ण वानप्रस्थ ल' लेलनि त' अर्जुन के कहलखिन जे गोप लोकनि कें अपना संरक्षणमे ल'क' अहां हस्तिनापुर चलि जाउ।अर्जुन सभ कें ल'क' विदाह भेलाह हस्तिनापुरक रस्तामे भील सभ आक्रमण क' देकलनि।अपन इज्जत रक्षाक लेल  गोपी लोकनि एकटा तलावमे कुदी गेलीह।अर्जुन भील सभसँ परास्त भ' गेलाह आओर गोपी सभ ओहि तलावमे समाधिस्थ भ' गेलीह।आइयो ओहि तलावक  पियर कपिस माटि गोपी चाननक रुपमे लोक श्रद्धा सँ प्रयोग करैत छथि।एहि प्रसंग लिखल गेल डा. उमाकान्तक  मैथिली उपन्यास "प्रस्थान" हमरा मोन पड़य लागल।कृष्णक अंतिम यात्रापर  आधारित ई महत्वपूर्ण उपन्यास थिक।एकरबाद गेलहुं बेट द्वारिका।बीच समुद्रमे अवस्थित ईहो मंदिर एकटा द्वारिका नगरी अछि।ओना श्रीकृष्ण द्वारका नगरी कें समाधिस्थ क' देने रहथिन।आधुनिक खोज सँ सेहो ई प्रामाणिक भेल अछि।एहि सँ दुनियाँक नगर सभ्यताक इतिहासक पुनर्लेखन संभव। बीच समुद्रमे जल पाखीक बीच यात्रा क अद्भुत आनंद।यात्रा आनन्ददायक रहल।

गुजरातक गाम

 कोनो क्षेत्रक जखन भ्रमणपर जाइत छी त' ओतुका गाम - घर देखब हमर पहिल उत्सुकता रहैत अछि।वास्तवमे दुनियाँक सभ शहरक बनाबट प्राय: एके रंग रहैछ।विकासक मामिलामे जे पिछड़ल अछि ओहेन देशक नगर तकनीकी रुप सँ  मात्र पिछड़ल देखाइत अछि बेसी  किछु अंतर नहि मुदा  गामक बनाबटि ओतुका रहन- सहन,भाषा ,ओढ़न -पहिरन, भोजन आदि ओहि  क्षेत्र विशेषक गामक बिल्कुल अलग होइत अछि । इएह देखबाक उत्सुकता हमरा गाम दिस घिचैत रहल अछि।मिथिलोमे हम गामदिश जाइत रहैत छी।सम्प्रति जे हम गुजरात यात्रापर रही तँ ओतहुक गामसभ मे सेहो गेलहुँ ।सभसँ पहिने मध्य गुजरात जे गुजरातक विकास यात्राक प्रतिबिम्ब अछि,जे अहमदाबाद आओर गाँधीनगर शहर सँ निकट अछि। हम अहमदाबाद सँ बाइक सँ विदाह होइत  छी, भरिदिनक गामयात्रामे संगमे छथि श्री सुभाष मिश्र , पत्नीक माझिल भाय।अनेक बर्ष सँ गुजरातमे अध्ययन - अध्यापनमे लागल छथि।सम्प्रति एलेन इंस्टीट्युटमे रसायन विज्ञान पढ़बै छथि।गुजराती बजबामे हिनक दक्षता भ्रमणमे  बिशेष सहायक भेल।हम पहुँचैत छी अहमदाबादस लगभग सोलह किलोमीटर दूर साणंद तहसील ई अहमदबाद सँ सटले अछि  तेजी सँ गाम सँ नगर  बनि रहल अछि।एतय मेटाइत गामक पताटा देखि सकलहुँ ।गाम हेरायल जकाँ।आगाँ बढ़ैत छी करीब दस किलोमीटर। हँ,आब भेटि रहल अछि सुच्चा गाम सभ  जतय ततय अंडीक खेती।फेर  सुन्दर गहुँमक फसिल लागलखेत। सभ खेतमे  बिजलीबला बोरिंगसभ गाड़ल। खेतसभमे बेसी स्त्रीए लोकनि काज करैत देखा रहल छथि।एकटा गाम अछि अहमदाबाद सँ लगभग पचास किलोमीटर के दूरीपर नाम छैक श्रीनगर  एतय एकटा अजगुत दृश्य देखायल एतय किछु मजुरिन सभ  हाली -हाली धानक बिया उखारैत रहथि।बगलेक खेतमे कादो होइत रहै।हम दुनूगोटा बाध दिश ढुकलौं।दस- बीस कोलाक बाद देखलियै   किताक किता गहुमक खूब सुन्दर फसिल जकर पटौनी चलि रहल छलैक।एकटा किसान सँ गपसप भेल ओ कहलनि एतय हम सभ दू बेर धान उपजबैत छी ।ई धान अप्रेलमे कटि जायत फेर मईमे दोसर खेपी रोपायत।एतुका खेती देखि क' मोन प्रसन्न भेल।मजुरिन सभसँ गप भेल।  मजुरिन सभकें भरिदिना सुखा तीनसय टाका भोर नौ बजे सं पांच बजे धरिक काजक लेल बहुत कम कहल जा सकैये।बाध सभ लहलहाइत,सुन्दर।अगिला गाम मनियारी।ओतहु खेती बड़ सुन्दर।पशुपालन सेहो व्यबस्थित।जे किसान गाय पोसने अछि तँ खाली गाये।से पचीस पचाकक संख्यामे।जे महींष पोसने अछि से खाली महींष।हेंजक हेंज गाय - महींष पड़ती सभपर चरैत।चरबाह सभ बैसल। गामक इसकूल देखबाक उत्कंठा छल।इसकूलक पता लगेलहुँ कहलक अगिला गाम अनियारीमे  इसकूल छैक।पहुँचलौं प्राथमिक शाला अनियारी।प्रधानाध्यक विभागीय बैसकमे गेल रहथि मुदा सभ किलास सभ व्यबस्थित चलैत रहय।उप प्रधानाध्यक सँ भेट करबाक इच्छा देखेलौं,आदेशपाल हुनका बजेलक,ओ एलाह हुनका परिचय दैत सुभाषजी गुजरातीमे वर्ग देखबाक इच्छा व्यक्त कयलनि। ओ सभटा वर्ग देखौलनि।मानकताक अनुरुप सभ वर्गमे तीस सँ पैंतीस के बीच छात्र। सभ क्रियाशीलन के अवस्थामे।गुजराती माध्यम।तेसर वर्ग सँ हिन्दी अनिवार्य।तीसरा वर्गक बच्चा सभ धुरझाड़ हिन्दी कविता पढ़ैत छल। भोजन बनैबला जगह एकदम चकाचक। खूब सुन्दर भोजन। विद्यलयक बगलेमे एकटा आँगनबाड़ी केन्द्र छलैक ओकर बेवस्था देखि हम चकित भ' गेलहुँ।एतेक सुसज्जित आँगनबाड़ी केन्द्र।छोट -छोट बच्चा सभ एकदम साफसुथरा परिधान।मोन प्रसन्न भ' गेल।गामक सड़क गली सभ अपने गामसन बुझायल मुदा आँगनबाड़ी केन्द्र आ विद्यालय सँ बुझा गेल जे हमर मिथिलाक गाम एखन बहुत पिछड़ल अछि से संसाधनक स्तरपर नहि ,मानसिकताक स्तरपर।

नलसरोवर

 आगाँ अछि नलसरोवर जे  अहमदाबाद सँ अस्सी किलोमीटर दूर अछि।नल सरोवर नामक गाम सेहो अछि।गेलहुँ सरोवर देखबाक लेल।एतय अनेक रंगक प्रवासी पक्षी सभ अबैत अछि एखन आस्ट्रैलिया सँ बहुतरास पक्षी सभ आयल अछि।एतय पुलिसक पहरा छैक। पक्षी अभयारण्यमे ढुकबाक लेल टिकट लेबय पड़ैत छैक‌।टिकट ल'क' पक्षी सभक कलरव सुनैत ,देखैत लगभग आधा किलोमीटर बाद पहुंचलहुं  मुख्य सरोवर ल'ग। ओतय सरोवर मे भ्रमण करबाक लेल नाह सभ लागल रहैत छैक।नाह के भाव क'क' बैसब  नै त' नाविक सभ ठकि  सकैये।एहि सरोवरक क्षेत्रफल एकसय बीस किलोमीट छैक। बीच सरोवरमे राजा नल आ दमयंतीक स्मारक स्थल छैक।पूरा सरोवर घुमब मोसकिल छैक।जतय पक्षी सभ जुटैत अछि ओ सभ ठेकान देखैत गेलहुँ।बीच बीचमे द्वीपनुमा जगह सभ सेहो छैक जतय चाह पानि।जलखै सभ सेहो  भेटैत छैक।एकठाम काठियाबाड़ी  भोजन बजराक रोटी तरकारी महिलासभ बेचैत रहथि।नीक सुन्दर।माटिक चुल्हापर बनाक' माटिक बर्तनमे परोसल जाइत छल। सरोवर अद्भुत अछि।अहमदाबाद जाइ त' नलसरोवर अवश्य देखबाक चाही।हँ,पानि एहिमे मात्र चारि सँ पाँच  फीट छैक। साफ सुन्दर।माछ छैक मुदा मारबापर प्रतिबन्ध छैक।चोरा क' लोक मारि लैत छैक। बरखा नहि भेलापर ई सरोवर कएक बेर सुखा जाइत छैक।
हम कच्छ क्षेत्रक गाम सभक सेहो किछु चर्च करय चाहब ।मध्य गुजरात आ कच्छ क्षेत्रक गाम सभक बीच  बहुत अंतर छैक।विकासक मामिलामे मध्य गुजरात सँ  पिछड़ल छैक मुदा सड़क,बिजली आ पानिक मामिलामे सभ एक रंग बुझायल।  कच्छक्षेत्रक शिक्षा हमरा तुलनात्मक रुपसँ पिछड़ल बुझायल। कच्छ क्षेत्र सांस्कृतिक रुपसँ समृद्ध अछि,ओकर अपन फराक भाषा- संस्कृति छैक।कच्छक फराक शिल्पकला त' छैके, गीत -संगीतसेहो अलग  छैक मुदा एतहुक जमीन नोन सँ अच्छादित हेबाक कारणें हरियरी सँ दूर अछि।तटीय प्रदेश हेबाक कारणें लोक समुद्री  काज रोजगाड़मे सेहो लागल अछि।सरकार कच्छके white rannमे उत्सवक आयोजन क' रोजगाड़क एकटा नव अवसर सृजन केलकै अछि।रण उत्सवमे हमरा भेटल घोड़डो गामक किछु बचिया सभ जे सफाई काज करैत छल जेना मोन पड़ैत अछि गीता कृष्णा  आओर फूल कुमारी दस एगारह बर्षक उमेर एकरा स्कूलमे हेबाक चाही जे सम्प्रति काजमे लागल छल। कच्छमे एखनो स्त्रीमे परदा प्रथा बहुत अछि बसमे प्राय: जनानी सभ दू हाथक मर'त काढ़ने।गहना सँ गाँथल ।पाव भरि  सोन आ दू सेर चानीक गहना पहिरने निर्भीक रुप सँ  बस ,गाड़ीमे यात्रा करैत देखाइत छलीह जनानी लोकनि।कच्छमे गाममे मुख्य काज पशुपालन होइत अछि गाय,महींष ,भेंड़,बकरीक पालन बहुतायतमे देखयल‌ ।लोक अपन व्यवसाय सं तृप्त बुझायल।शिक्षा सं बेसी सम्पत्ति अर्जित करब लक्ष्य छैक समाजक मुदा आब लोक शिक्षादिस उन्मूख भेल अछि से बालक सभक शिक्षाक लेल बेसी।बालिका शिक्षाक कच्छमे हमरा बहुत नीक स्थितिमे नहि बुझायल।

गुजराती साहित्य आओर साहित्यकार

 मिथिला सँ बाहर जाइत छी त' ओहिठामक साहित्य आओर साहित्यकार सँ भेटघाट एकटा अभिष्ट रहैत अछि।गुजराती साहित्य बेसी तँ नहि पढ़ल अछि।कनेमने गुजराती साहित्य पढ़ने छी।किछु साहित्यकारक नाम सेहो जनैत छी जेना नरसी मेहता,गोवर्द्धनराम त्रिपाठी,उमाशंकर जोशी, पन्नालाल पटेल, के.एम मुंशी, दलपत राय आदि। गुजरात जाइत देरी नरसी मेहताक एकटा भजनक अनुवाद  बौआ आयुष  के सहयोग सँ केलहुँ।ओहि अनुवादक क्रममे हमरा गुजराती आओर मैथिलीक किछु खांटी शब्दक  समानार्थी  प्रयोग हमरा चकित केलक जेना 'चौक पुरायब' शब्दक प्रयोग एक समान अर्थमे।
देखल जाय एकटा छोटसन भजनक हम मैथिली रुपान्तरण करबाक प्रयास केलहुँ अछि।जे हम नरसी मेहताक स्मृतिमे समस्त गुजराती समाज केँ समर्पित क' रहल छी।

 आजुक दिन सोहावन हे

 सखि आजुक दिन बड़ सोहाओन हे!
 आइ हमर कृषण अओता हमर आँगन
ओ एता आओर बाँसुरी बजेता
आउ हे सखि! सभ मिलिक' 
हुनक मंदिर बनाबी
घरक आगाँ तोड़ण लगाबी
चौक पुराबी
हम अपन किशन कन्हैया लेल गंगा सँ जल भरि आनब
हुनक पैर पखारब
आउ हे! सखि सभ सभ हिलि मिलि मंगल गाबी
आउ सभगोटा मिलि हुनक झांकी दर्शन करी
हे सखि सभ !देखै जाउ
कृष्ण कोना हाथी जकाँ झुमैत आबि रहलाह अछि
नरसिंह मेहता अपन भगवान केँ दर्शन सँ नेहाल भ' रहल छथि।

साहित्यिक भेंटघाट

किछु गुजराती कवि साहित्यकार सँ भेंटघाट  करय चाहैत रही।जान पहिचान तँ ककरो सँ छल नहि।एहि मे माध्यम बनला मित्रवर प्रो.अनिल मिश्र जे गुजराती भाषाक दूटा महत्वपूर्ण साहित्यकारक पता ठेकान उपलबद्ध करौलनि।गुजराती भाषाक महत्वपूर्ण उपन्यासकार श्रीमती बिन्दु भट्ट केँ अपन परिचय देलियैन  त' सहजहि भेंट करबाक लेल तैयार भ' गेलीह। श्रीमती भट्ट केँ हुनक चर्चित उपन्यास 'अक्खे पात्रा पर २००३ मे साहित्य अकादमीक पुरस्कार प्राप्त भेल छनि। गुजराती भाषामे उपन्यास लिखबाक पुरान परिपाटी रहल छैक ।पं गोवर्द्धन राम त्रिपाठी १८९५ मे एक हजार पृष्ठक उपन्यास "सरस्वतीचन्द्र" लिखने छलाह से एखनो प्रासांगिक अछि।श्रीमती भट्ट  कहलनि आने भाषा जकाँ गुजरातीमे सेहो कविता खूब लिखाइत अछि मुदा छपैत कम अछि ।कारण,बिकाइत कम अछि।ओतहि बैसल गुजराती भाषाक महत्वपूर्ण  कवि श्री हर्षद त्रिवेदी कहलनि भले कविता कम बिकाइत हो  मुदा कविता एखनो लोकक आवाज थिक।कविता परिवर्तन थिक। बेलगाम सत्ताक लगाम थिक कविता।कविता भ्रष्ट  सत्ता केँ चुनौती दैत रहलए ।अन्यायपूर्ण सत्ता केँ पलटैत रहल अछि कविता।कवितामे बहुत सामर्थ्य छैक। ओ अपन गुजरातीक किछु महत्वपूर्ण कविता सेहो सुनौलनि।हमहुं हुनका अपन मैथिली किछु कविता सुनेलियैन।हमर सभक गपक सेतु छलाह अग्रज जयप्रकाश मिश्र।श्री मिश्र बैंकिंग सेवा अवकाशक बाद विभिन्न सामाजिक काजमे लागल छथि।अहमदाबादमे मैथिल लोकनिक सांस्कृतिक जागरणक एकटा महत्वपूर्ण सूत्रधार छथि। 
हमरा एकटा गुजराती कवि खलील धनतेजबी सँ भेट करबाक रहय।जे नहि भ' सकल।किये की  निजगुत पता नहि नहि भेट  सकल समयपर  ।जखन पता भेटल तँ जेबाक समय नहि रहय।ओ बड़ौदामे रहैत छथि।अगिला खेप जँ कहियो गेलहुँ तँ हुनका सँ भेट  अवश्य करब। 
गुजराती भाषाक साहित्यक भारतीय भाषामे महत्वपूर्ण स्थान छैक।एखन धरि चारि टा साहित्यकार ज्ञानपीठ अवार्ड सँ सम्मानित भेल छथि। श्री त्रिवेदी कहलनि गुजराती भाषामे प्रतिबर्ष दशटा एहन  पोथी छपैत अछि जे ककरो सं  कियो कम नहि‌।
हँ, एकटा गुजराती पत्रिका कें चर्च करब सेहो परमावश्यक अछि।गुजरातीमे एकटा पत्रिका अछि "कुमार"  जे एकसय बर्षसं निरन्तर प्रकाशित भ' रहल अछि। जाहिमे रचना प्रकाशित होयब कोनो नव लेखकक लेल गौरव के बात होइत छैक। कुमार एकटा श्रेष्ठ रचना कें प्रतिबर्ष पुरस्कृत करैत अछि जकर महत्व ओतय साहित्य अकादमी पुरस्कार  सं कम नहि छैक।

सासुर थिक कैलाशे

अन्तमे एकटा प्रसंगक चर्च कयने यात्रा विवरण अपूर्ण रहि जायत।गुजरातमे हमर सासुर बसैत अछि से कहि सकैत छी‌। अहमदाबाद मे सरहोजिनी लोकनि जे भोजनादिक व्यवस्था आओर मानदान केलनि से कोना बिसरि सकब।जाहिमे आदरणीय श्रीमती शशि मिश्रक विन्यासक जतेक वर्णन करी से कम होयत,हुनक पाककलाक जतबा प्रसंशा करी थोड़ होयत।। ओना  श्रीमती भारती मिश्र,वन्दना मिश्र आ  रागिनि मिश्र सेहो जान उपेछि क' स्वागत केलनि‌।आदरणीय श्री ओम प्रकाश मिश्र,विजय प्रकाश मिश्र आओर आनन्द मिश्र  आओर सुषाष मिश्र सेहो  सदति स्वागतमे  लागल रहलाह।आदरणीया गीता दीदी, श्रीमती सीमा सेहो बहुत सम्मान देलनि।श्री नरेन्द्र मिश्र जी आओर श्रीजयप्रकाश मिश्रक सिनेह, आशीर्वाद सदति भेटैत रहल अछि। हमर बच्चासभ पतंग उड़ायब छोड़ि क' हमरा संगे हाट बजार घुमैत रहल से अलगे आनन्दक बिषय। कुणाल,आयुष,निष्ठा आओर निमित  मोन पड़ैत रहैत अछि।
 श्रीमती अरुणा दीदी बड़ोदा सँ आबि भेट देलनि से हमरा लेल अतिरिक्त उपलब्धि थिक। अर्चना भौजीक असमय चलि जायब।हुनक कैलाशरोहण सँ परिवारक सदस्य सभ एखन धरि नहि उबरि सकलहुँ अछि।हुनक स्मृतीशेष नेने,एहि तरहें एकटा सफल यात्रा सम्पन्न क' अपन ठाम मधुबनी घुमि एलहुँ।  एतेक सुन्नर मिथिलाधाम/ कहाँ पायब दोसरठाम/ दुलहा - दुलहिन सीताराम जनकपुरमे।
।।इत्यलम्।।























जे.जे. कॉलोनी: भाग ४

  भाग ४   देबु मनोहरसँ पुछलनि- 'मनोहर भाइ! की भेल?' देबु!अहाँ कहु ने की भेल? 'अहुँ तँ छी पक्का मैथिल ने  सोझ मुहें उतारा नहिये न...