Wednesday, October 23, 2019

Maithili Book Critics by Dilip Kumar Jha

                                                                 धाराक विरुद्ध - विजेता चौधरी

एहि संग्रहमे कुल सनतावन गोट कविता अछि।कविता पढब नीक लगैत अछि ,से पोथी पढ़ैतकाल पुरा आनंद भेटल अछि। पोथीमे दू कालखंडक कविता बुझाइत अछि। एकटा कालखंड छल ओ जहिया कवयित्री माओवादी आन्दोलन सँ प्रभावित भ' मात्र किछु कविता लिखलनि मुदा किछुए समयक पछाति कम्युनिस्ट आन्दोलनक नेतासभक वास्तविकतासँ सेहो हिनकर सामना भ' गेलनि हिनक कविताक दिशा विचारधाराक कठमुल्लापन सँ बाहर कविक जे अपन नीजी अकाश होइत छैक ओहिमे विचरण करय लागल। तकर पछाति एतेक सुन्दर - सुन्दर ई कविता लिखने छथि जे सहजों मोन के मोहि लैत अछि । किछु कविता बेर- बेर पढ़बापर विवश करैत अछि। जे कवयित्रीक संग्रहक आरंभ कविताक बहन्ने आगि नेशबाक सरंजामक ओरियौन मे लागल रहैत छथि ओएह कवयित्री कनियें आगू बढ़लापर एकटा कविता लिखैत छथि " जीबैत शाली" ई कविता दुनियां अनेक देशक साम्यवादी दलक नेताक हाथमे गेल सत्ताक जे हस्र भेलैक अछि सएह हस्र नेपालक राजनेता सभ सत्ता प्राप्तिक पछाति केलनि से इंगित करैत अछि।।हमरा मोन पड़िये जाइये रोमानियाक शासक चाउसेस्कू जे साम्यवादी सरकारक नामपर की सत्ता ताण्डब केने छल आ जनता ओकर कोनरुपे खबरि लेलकै।अपन जीबैत शाली कवितामे कवयित्री कहैत छथि, जखन आमलोक,जे प्राणपण सँ एहि आन्दोलन के सत्ताक शीर्षपर पहुंचौलक आ पछाति जखन बेर बेगरतामे ओहि नेता सभके हेरलक त'कविता कहैत अछि,"जाह भेटतह करोड़ोक आलीशान लाल बंगलामे
नहि त' चढ़ल भेटतह माओक झंडा फहरबैत /मुस्तांगी लाल भी आइ पी कारमे
तोहर ढोंगी साम्यवादी दूत सभ"।
एहि प्रकारक कविताक पछाति अनेक रंगक कविताक स्वरसभ आयल अछि चाहे ओ नेपालमे बेरोजगाड़ीक हो वा विदेश पलायनक त्रासदी अपन समाजक समस्या सभकेँ कवयित्री खोज खबरि यखैत छथि मुदा हिनक कविताक मूल स्वर अछि प्रेम।प्रेम कविता लिखबाकाल ई प्रेमक बिभिन्न छबि छटापर कविता सभ लिखलनि अछि जे पाठकमे एकटा रोमांच उत्पन्न करैत अछि। हिनक ई कवितासभ पढलाक बाद मानसमे एकटा अलग संसार बनैत छै ओ छैक प्रेमक संसार जे जीवनकें पूर्णता दिस ल' जाइत छैक। एकटा कवितामे सुखायल गुलाबक पत्ती सँ एकाएक झंकृत भ' उठैत छनि" हृदयमे गुम्फित प्रेमक सूफी रोमांच। एकटा कविता अछि 'ओझराहटि' एहि कवितामे नायिका भोगि लेब' चाहैत अछि प्रेमरस मे अभिसिक्त जीवनक एक एक प'ल। कवितामे राधा कृष्ण बनि प्रेमक परिकल्पना अछि मुदा एहि कवितामे विश्वामित्र आ मेनका के आनि एकटा स्वादिष्ट खीरमे जेना आंकर पड़ि गेलसन बुझायल। एकटा सुन्दर कविता आर अछि प्रथम मिलन जाहिमे अभिसारक अनेक रुपक वर्णन करैत,रुप रस आ गंधक स्पर्श सँ प्रेमरसमे पाठक कें सराबोर क' देने छथि।प्रेमरसक पूरा आनन्द दैत अनेक कवितासभ अछि।तेहने एकटा कविता अछि माटिक गमक। प्रेमक कविता हो आ बसंत नहि हो से कोना हैत ,ऋतु उत्सवक एकटा सुन्दर बानगी अछि" 'भेलैए बसन्तक आगमन'।'प्रणय निवेदन'कविता त' शकुन्तला आ दुष्यन्तक प्रेम मोन पाड़ि देलक ई कविता पाठक कें प्रेमक उद्दाम उल्लास आनंदक क्षण समर्पित करैत अछि,अद्भुत। अनेक आर प्रेम कवितासभ अछि मुदा एतय लिखक एकटा सीमा अछि। हं कवयित्री भुकम्प त्रासद क्षणमे सेहो सेहो प्रेमरस नहि बिसरली अछि।चिंता छनि प्रेमक स्मृति स्थलक।वाह!
मधेश आन्दोलनपर कविता अछि। हंसीक विलोपनपर कविता अछि।स्त्रीक स्थान एवं समाजमे भूमिकापर कविता अछि।वि सं २०७२ मे आयल भयानक भुकम्पक त्रासद क्षणक मार्मिक चित्रण अछि। आर अनेक कविता अछि।हमरा कवितास बहुत नीक लागल अछि।
मनुक्खक जीवनक इतिहास छैक प्रेम आ संघर्षक इतिहास ।समाजमे ठाढ़ कयल गेल अनेक प्रकारक मानवीय असमानता आ विद्रुपता सँ, प्राकृतिक दुख दर्द सँ सभदिन मनुक्ख लड़ैत रहल अछि। कविताअदौ सं लड़ैत रहल अछि,अंत धरि लड़त।आ सागरमाथाक सभसँ उँचका चोटीपर चढत।हमरो अभिलाषा अछि हमर ई कवयित्री एवरेस्टपर चढ़ि मैथिली कविताक ध्वजारोहण करथि।जाहि सँ पसरि जाय प्रेम सगरे संसारमे।घृणाक बिया सुखा जाय निरबीज भ' जाय।हमर अनेक शुभकामना अछि एहि कवयित्री कें स्वागत अछि कविता संग्रहक।

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