Eid
मित्र सदरे आलम गौहरक लेल
गौहर अहां कें ईदक मोबारकवाद दैत काल
मन कमलाक कल-कल पानि जकां गुनगुना उठल
जेना अहांक मोन गुनगनाइत रहैए
विद्यापतिक पांती गवैत काल
मीर्जा गालिब के पढैत काल
मित एहि मिलै जुलै वला पावनिक बहन्ने हम ई संदेश देब चाहैत छी जे
धर्मक नाम पर बन्न हुए धमकी
बन्न हुए धमक आ ध्वंस
मित अपने दूनू भाई के लगब परत आवाज
अपना रंग मे रंगल
हरियर,उज्जर, आ केसरिया वस्त्र फोलि राखि दौक कोठीक कान्ह पर
आब एकेटा रंग चलतै
मात्र 'पानिक ' रंग जकर खगता छैक सबके
जाहि लेल सगरे मचल छैक हाहाकार
अहां गोनू झाक खिस्सा कहैत छी
हमहूं मूल्ला नसिरूद्दीनक कहानी परसैत छी
मुदा आब ! नहि पियाब देबै बिष कोनो सुकरात के
नहि टांग देबै कोनो यिशू कें क्रास पर
नहि बन देबै ककरो अशपृश्य अपने गाम मे
दूनू मित कें संक्ल्प लेबाक दिन अछि आइ
कोनो धमकी आ धमक क' डर सं
नञि चलतै आब राज
आब सब कियो सिर्फ आ सिर्फ
'अढाई आखर' पर चलाबौ काज
गौहर अहां कें ईदक मोबारकवाद दैत काल
मन कमलाक कल-कल पानि जकां गुनगुना उठल
जेना अहांक मोन गुनगनाइत रहैए
विद्यापतिक पांती गवैत काल
मीर्जा गालिब के पढैत काल
मित एहि मिलै जुलै वला पावनिक बहन्ने हम ई संदेश देब चाहैत छी जे
धर्मक नाम पर बन्न हुए धमकी
बन्न हुए धमक आ ध्वंस
मित अपने दूनू भाई के लगब परत आवाज
अपना रंग मे रंगल
हरियर,उज्जर, आ केसरिया वस्त्र फोलि राखि दौक कोठीक कान्ह पर
आब एकेटा रंग चलतै
मात्र 'पानिक ' रंग जकर खगता छैक सबके
जाहि लेल सगरे मचल छैक हाहाकार
अहां गोनू झाक खिस्सा कहैत छी
हमहूं मूल्ला नसिरूद्दीनक कहानी परसैत छी
मुदा आब ! नहि पियाब देबै बिष कोनो सुकरात के
नहि टांग देबै कोनो यिशू कें क्रास पर
नहि बन देबै ककरो अशपृश्य अपने गाम मे
दूनू मित कें संक्ल्प लेबाक दिन अछि आइ
कोनो धमकी आ धमक क' डर सं
नञि चलतै आब राज
आब सब कियो सिर्फ आ सिर्फ
'अढाई आखर' पर चलाबौ काज
ईदक शुभकामनाक संग

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