विश्व पर्यावरण दिवसक अवसर पर एहि बेर दूटा काज कयलहूं अपन विद्यालय परिसर मे छः टा गाछ (दू टा आम ,दू टा अशोक,एकटा गुलमोहर आ एक टा भालसरिक) गाछ लगौलहुँ संगहि,अलोपित शिर्षक सँ ई तीन टा कविता---
अलोपित(कविता)
(१)
सतुआइनो होइते अछि
माटिक घैल सेहो उसरगल जाइते अछि
सनातनी होइत आयल अछि
होइते रहत घट-दान
मुदा माटिक घैल कहिया धरि ?
माटि ने अलोपित भअ जेतै
सोन-चानी ,लोह -ताम
पित्तरि-फाइवर थोड़े अलोपित हेतै|
(२)
आइ माननीय कें गृह-प्रवेश छनि
वास्तु शास्त्रक अनुसारे श्रीमतीजी रखती
चरण-कमल नव-घर मे
सब सरमजाम जुटाओल गेल
पंचरत्न,पंचगव्य ,मंचामृत
सप्तमृतिका/नवग्रह काठ
सबटा भेटि गेलै कारक जीक दोकान मे
मुदा पंचपल्लव नहि भेटलै
आदेश
जतअ सं हुए लाउ
जेना हुए पंच पल्लव जुटाउ
साहेब/आब कतहु छैक गुल्लरि,गम्हारि
कतहु छैक बड़,पाकरि
पुरोहित जी तखन करबै की
कोना हुए ओकर निदान
फाइवरक पंच पल्लव मंगाओल जाय
श्रीमान |
(३)
गामे गाम वासंती नवरात्रक अछि आयोजन
मुरुतक रंग-टीप
साज-सज्जा
ध्वनि-विस्ताकर यंत्र
सबटा अफरात
वातावरण भक्ति उल्लास सं गुंजायमान
किछु अलोपित भेल अछि
ओ अछि वासंता सुरभि|
(१)
सतुआइनो होइते अछि
माटिक घैल सेहो उसरगल जाइते अछि
सनातनी होइत आयल अछि
होइते रहत घट-दान
मुदा माटिक घैल कहिया धरि ?
माटि ने अलोपित भअ जेतै
सोन-चानी ,लोह -ताम
पित्तरि-फाइवर थोड़े अलोपित हेतै|
(२)
आइ माननीय कें गृह-प्रवेश छनि
वास्तु शास्त्रक अनुसारे श्रीमतीजी रखती
चरण-कमल नव-घर मे
सब सरमजाम जुटाओल गेल
पंचरत्न,पंचगव्य ,मंचामृत
सप्तमृतिका/नवग्रह काठ
सबटा भेटि गेलै कारक जीक दोकान मे
मुदा पंचपल्लव नहि भेटलै
आदेश
जतअ सं हुए लाउ
जेना हुए पंच पल्लव जुटाउ
साहेब/आब कतहु छैक गुल्लरि,गम्हारि
कतहु छैक बड़,पाकरि
पुरोहित जी तखन करबै की
कोना हुए ओकर निदान
फाइवरक पंच पल्लव मंगाओल जाय
श्रीमान |
(३)
गामे गाम वासंती नवरात्रक अछि आयोजन
मुरुतक रंग-टीप
साज-सज्जा
ध्वनि-विस्ताकर यंत्र
सबटा अफरात
वातावरण भक्ति उल्लास सं गुंजायमान
किछु अलोपित भेल अछि
ओ अछि वासंता सुरभि|

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