आयल छी झारखंड मिथिला मंच द्वारा आयोजित तीन दिवसीय मिथिला महोत्सवमे भाग लेबाक लेल रांची। एतुका प्रवासी लोकनिक संगठन आ समर्पण सं अनुप्राणित छी,प्रभावित छी।एहने संगठन आ समर्पण आजुक समयमे जं पटना , पुरनिया,दरभंगाम वा मिथिलाक आन ठां देखाइत त' मैथिलीक जे बहुतरास काजजे अपूर्ण अछि। अधिकार जे सत्ताक षडयंत्र सं बेदखल कयल गेल अछि ,हमरा सभ आसानी सं हासिल क' सकितहुं।हिनका लोकनिक सक्रियता बहुत आशान्वित आ उर्जान्वित केलक अछि।रांचीक व्यस्ततम चौराहा कडरू मोड़पर बाबा विद्यापतिक भव्य प्रतिमा स्थापित अछि जेआब चौक विद्यापति चौक कहबैत अछि। झारखंडमे मैथिली द्वितीय राजभाषाक रुपमे सुशोभित भेल अछि।ई एतुका मैथिल समाजक पैघ उपलब्धि त'अछिए, प्रेरणास्पद सेहो।संगठन सं कोना सत्ता,शासनक सहयोग कोना प्राप्त कयल जा सकैये तकर ई एकटा बानगी मात्र अछि।आर बहुतरास काज ई लोकनि करैत छथि।साधुवादक अधिकारी अछि रांचीक सकल समाज।एतुका मंचक महासचिव श्री संतोष कुमार झा,मंच के अध्यक्ष श्रीपाल झा,मैथिलीक विशिष्ट कवि श्री कृष्णमोहन झा ,पत्रकार किशोर मालवीय ,सुजीत झा आदिक सक्रियता बेसी अह्लादित केलक।
रांचीमे सम्प्रति विश्वंभर फाउण्डेशन मैथिली साहित्य क्षेत्रमे समृद्धिक लेल काज करबाक लेल अपन डेग बढौलनि अछि।विश्वंभर साहित्य सम्मान आ लहरि नामक पत्रिकाक आरंभ प्रेरक लागल।पत्रिकाक संपादक आ ट्रस्टक कर्ताधर्ता नवीन चन्द्र झा जी भेट सेहो अह्लादकारी लागल।ट्रस्ट अपन विश्वसनीयता आ प्रतिष्ठामे वृद्धि करैत रहत तकर विश्वास अछि।
रांचीमे छी त' मोन पड़ै छथि कवि विवेकान्द ठाकुर जे आब हमरा बीच नहि रहलाह, हिनक चानन घन गछिया कोना बिसरत।संगहि मोन पड़ि रहलाह अछि स्व. मोहन भारद्वाज जिनक कहियो कर्मभूमि रांचिये रहनि आ जहि रांची नगरमे ओ पछिला साल अंतिम श्वांस लेलनि। प्रसिद्ध कथाकार स्व राजमोहन झाक(भाई साहेब) कर्मभूमि रांची रहल छनि ।
रांची कहियो मैथिलीक प्रतिष्ठित कवि श्री उदय चन्द्र झा विनोद,भीमनाथ झा का सेहो कर्मभूमि रहल छनि।मोन पड़ै छथि स्व.उपेन्द्र दोषी। सरोज कुमार झा 'युगबोध'।एहि चारू कविक साझी संग्रह 'धूरी' सेहो मोन पड़ि रहल अछि।
सम्प्रतिश्री प्रमोद कुमार झा मैथिल समाजक एकटा महत्वपूर्ण हस्ताक्षर रांचीमे उपस्थित छथि।श्री मिथिलेश मिश्रजीक सक्रियता सेहो अह्लादित कयलक।कहियो रांची अकाशवाणीमे मैथिली साहित्यमे सक्रिय सुमन वात्स्यायन सेहो मोन पड़ि रहलाह अछि।मनिष अरविंद जे हमर प्रिय कवि छथि। हुनकर कर्मभूमि सेहौ रांची छनि।
महोत्सवक अवसरपर डा.नरेश कुमार विकल जीक अध्यक्षतामे आयोजित एकटा भव्य कवि सम्मेलन आयोजित भेल। सामान्यतया एहन अवसरपर बहुतरास कवि लोकनि कें जमा क' एक- एक टा कविता पाठ करेबाक परंपरा अछि मुदा ई कवि सम्मेलन लीक सं थोड़ेक हटि क' छल।युवा कवि लोकनिक उपस्थिति,कवि लोकनि कें स्वेच्छा सं दर्शकक लोकनिक अभिरुचिक अनुकूल एकाधिक कवितापाठ करबाक छूट रहनि। किछु स्थानीय कवि सुश्री रंजना,चेतना झा,नन्दिनी पाठक आ स्वनामधन्य सियाराम झा सरसक कविता,गीत बहुत प्रसंशनीय रहल।बाहर सं जे कवि सभ कवि सम्मेलनमे आमंत्रित छलाह हुनको लोकनिक रचनापाठ सुन्नर ढंग सं भेलनि।तकरा लेल कवि सभक प्रस्तुतिक संग विशेष धन्यवादक पात्र छथि एतुका विशिष्ट स्रोता समाज जे तीन घंटा धरि सिर्फ कविता सुनैत रहलाह।कविमे छलाह सर्वश्री कमल मोहन चुन्नू (सहरसा) दिलीप कुमार झा (मधुबनी) चंदन कुमार झा(कोलकाता) मैथिली प्रशान्त (बेनीपट्टी) प्रदीप पुष्प (झंझारपुर) ।संचालन छलनि मैथिलीक विशिष्ट कवि श्री कृष्ण मोहन झा जीक।
अगिला दू दिन मिथिलाक प्रमुख गायक / गायिकाक संगीत सम्मेलन हैत।रांचीक मैथिल समाज तकरा प्रति बहुत उत्साहित अछि।
हं कवि मित्र लोकनिक संग हुंडरू जलप्रपातक भ्रमण सेहो अविस्मरणीय रहल।हुंडरूक प्रपात सं खसैत अविराम जलधारा जीवनक गतिशीलताक दिस स्पष्ट सनेस पड़ोसि रहल छल।एहन नयनाभिराम दृश्य ककरा ने मोहित करतै।


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